दिल से तुम्हारी याद, निकलती नहीं कभी

दिल से तुम्हारी याद, निकलती नहीं कभी
खुशबू तुम्हारे प्यार की, घटती नहीं कभी
आकर तेरी गली से, तो बरसों गुजर गए
यादों की छाँव, पलकों से, ढलती नहीं कभी
खत रोज उनको लिखते हैं, होते हैं मन में खुश
आदत पुरानी, हम से ये, छुटती नहीं कभी
सपनों में यूँ मिलते हैं हम रोज़ ही मगर
तुम से, मिलन की चाह भी, मिटती नहीं कभी
बारिश हुई, तो हम को यूँ महसूस हो गया
कागज की नाव देखिए चलती नहीं कभी
एहसास तुझको पाने का रखना है, उम्र भर
तस्वीर तेरी ज़हन से, हटती नहीं कभी
, ये दोस्तों से, हमें तजरूबा हुआ
दुश्मन की चाल, हम पे तो, चलती नहीं कभी
दिल से तुम्हारी याद, निकलती नहीं कभी

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